कॉल ड्रॉप मामले में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी व न्यायमूर्ति जयंत नाथ की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को अंतिम बहस में ट्राई ने कहा कि कॉल ड्रॉप होने पर उपभोक्ताओं को हर्जाना दिया जाए। यह सर्विस गाइडलाइन व लाइसेंस शर्तो से अलग है। उपभोक्ताओं की तरफ से संगठनों ने कहा की मुआवजा लगाने का निर्देश लागू होना चाहिए। इससे पूर्व ट्राई ने हाई कोर्ट में कहा था की मोबाइल कंपनियों पर लगाम कसना उसके अधिकार क्षेत्र में आता है। उपभोक्ताओं के प्रति उनकी कुछ जिम्मेदारियां हैं और वह कैसे कंपनियों पर मुआवजा लगाने का प्रावधान लागू नहीं कर सकती है।