नई दिल्ली तीस हजारी की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शादीशुदा महिला-पुरुष के बीच मर्जी से बने संबंधों को दुष्कर्म मानने से इन्कार करते हुए आरोपी को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश की गई वीडियो को देखने से ऐसा कही नहीं लगता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के साथ जबर्दस्ती की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने माना कि आरोपी और शिकायतकर्ता पहले से शादीशुदा होने के बावजूद एक-दूसरे से प्यार करते थे। पेश सुबूतों से साबित होता है कि महिला ने मर्जी से आरोपी के साथ संबंध बनाए थे। युवक द्वारा बाद में महिला से जी चुराने के चलते यह मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता महिला का कहना था कि प्रॉपर्टी डीलर से वह प्रॉपर्टी खरीदने के सिलसिले में मिली थी।
Friday, 15 January 2016
मर्जी से विवाहेत्तर संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं
नई दिल्ली तीस हजारी की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शादीशुदा महिला-पुरुष के बीच मर्जी से बने संबंधों को दुष्कर्म मानने से इन्कार करते हुए आरोपी को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश की गई वीडियो को देखने से ऐसा कही नहीं लगता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के साथ जबर्दस्ती की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बवेजा ने माना कि आरोपी और शिकायतकर्ता पहले से शादीशुदा होने के बावजूद एक-दूसरे से प्यार करते थे। पेश सुबूतों से साबित होता है कि महिला ने मर्जी से आरोपी के साथ संबंध बनाए थे। युवक द्वारा बाद में महिला से जी चुराने के चलते यह मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता महिला का कहना था कि प्रॉपर्टी डीलर से वह प्रॉपर्टी खरीदने के सिलसिले में मिली थी।