1999 बाद एक बार फिर सम्राट विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी पर विराज गए हैं। सम्राट के साथ उनकी राजसभा के नौ रत्न और सिंहासन बत्तीसी पर रहने वाली 32 पुतलियां भी सजीव हो गई हैं। सिंहस्थ में आने वाले लाखों सैलानी यहां सम्राट विक्रमादित्य की शौर्यगाथा, उनके नौ रत्नों की खासियत और 32 पुतलियों की कहानियों को जान सकेंगे।