नई दिल्ली राजधानी में नर्सरी दाखिले में ज्यादातर मैनेजमेंट कोटे में करोड़ों के वारे-न्यारे किए जाते हैं। जैसा स्कूल, वैसी सीट की कीमत। जानकार कहते हैं कि एक सीट हजार से लेकर 35 लाख रुपये तक में बिकती है। आपको हैरानी हो रही होगी, मगर जानकारों का कहना है कि स्कूलों में मैनेजमेंट कोटा हमेशा से ही कमाई का जरिया रहा है। ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल के अनुसार, इसके जरिये राजधानी के स्कूल हर साल तीन से 5 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं। इसलिए दिल्ली सरकार की ओर से इस कोटे को खत्म किए जाने पर स्कूल संगठन इतना परेशान हैं।
सीट बेचने के संबंध में तो मुझे कोई जानकारी नहीं है, मगर मैनेजमेंट कोटे के अन्तर्गत अधिकतर स्कूल प्रबंधन आग्रह किए जाने पर दाखिले करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ये दाखिले सिफारिशी होते हैं। इनकी सिफारिशें सभी क्षेत्र से आती हैं, फिर चाहे मंत्री करे या फिर संतरी। -आरसी जैन, अध्यक्ष, दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन
मिलती हैं सीटें बेचे जाने की शिकायतें
दिल्ली सरकार की ओर से मैनेजमेंट कोटे को खत्म किए जाने के पीछे की एक अहम वजह इसके एवज में अभिभावकों से की जाने वाली अनुचित वसूली भी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कोटे को खत्म करते समय ही स्पष्ट कर दिया है कि अब स्कूलों में दाखिले के नाम पर कोई खेल नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए हम इस निर्णय को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।