वॉर्निग सिस्टम भूकंप के समय विकसित होने वाली तरंगों की पहचान करता है। जहां भी इसकी डिवाइस लगी होती है, वहां पर आने वाले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 होगी तो ये उसकी सूचना पहले ही दे देगा। यह भूकंप के समय विकसित होने वाली प्राइमरी वेव को पकड़कर सूचित करता है। ऐसे में खतरनाक वेव के आने तक इस खतरे से बचा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि सब डिवाइस की मदद से भूकंप से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। यह बिजली-पानी व गैस की आपूर्ति रोकने के साथ ही लिफ्ट की सर्विस बंद कर देता है।